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सूफ़ी लेख
अमीर ख़ुसरो की सूफ़ियाना शाइ’री - डॉक्टर सफ़्दर अ’ली बेग
“ख़ुदाया मैंने तेरी तमन्ना में सब कुछ तज दिया है और मुझे बस अब तेरी ही
फ़रोग़-ए-उर्दू
सूफ़ी लेख
ख़्वाजा बुज़ुर्ग शाए’र के लिबास में - ख़्वाजा मा ’नी अजमेरी
चौथे मस्नवी के अश्आ’र का दीवान में न होना हमारे मुद्दआ’ के ख़िलाफ़ कोई वज़्न-ओ-क़ूव्वत नहीं
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
बाबा फ़रीद शकर गंज
जब मुक़र्ररा वक़्त आ जाता है और नमाज़-ए-मग़रिब से ख़ुदा-परस्त लोग फ़ारिग़ हो जाते हैं तो