आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "मोटा"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "मोटा"
सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
(111) मोटा पतला सब को भावे। दो मीठों का नाम धरावे।।सकरकंद
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
खुसरो की हिंदी कविता - बाबू ब्रजरत्नदास, काशी
(111) मोटा पतला सब को भावे। दो मीठों का नाम धरावे।। -शकरकंद
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत मख़दूम अहमद चर्म-पोश
इसलिए: शैख़ हुसैन मह्सवी ने मोटा कपड़ा (धक्कड़) ख़रीद लिया और शैख़ अहमद ने चमड़ा ले
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
बिहारी-सतसई-संबंधी साहित्य (बाबू जगन्नाथदास रत्नाकर, बी. ए., काशी)
बिहारीरत्नाकर में हमने 3 अंक की पुस्तक के अनुसार बिहारी का निज क्रम ही रखा है।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
मिस्टिक लिपिस्टिक और मीरा
क्राशा के भभकते हृदय में ओज है उमंग है रस है राग है। स्वर्गीय थेरेसा की