परिणाम "रुमाल"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
आगे चलकर हज़रत शाह अकबर दानापूरी दानापुर में ख़ानक़ाह सज्जादिया अबुल उलाइया के सज्जादा नशीं बने और उन्होंने बिहार की सूफ़ी परम्परा को समृद्ध किया। आप का पूरा जीवन सादगी की एक मिसाल है। आप हमेशा एक ख़ालता-दार पायजामा, नीचा कुर्ता, कांधे पर एक बड़ा रुमाल, पल्ले की टोपी और अंगरखा पहनते थे।अपने दीवान में शाह अकबर दानापूरी लिखते हैं –
समाअ से पहले तश्तरी में मुरीद अपने मुर्शिद का जोड़ा लाते हैं। एक तश्तरी में रुमाल,
हज़रत औघट शाह वारसी बैअ’त होने के पश्चात बछरायूँ चले आये मगर वहां अपने मुर्शिद से
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books