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सूफ़ी लेख
ख़्वाजा सय्यद नसीरुद्दीन चिराग़ देहलवी
विसाल शरीफ़
हज़रत का विसाल शरीफ़ 18 रमज़ान 757 हिज्री ब-मुताबिक़ 14 सितंबर 1356 ई’स्वी में हुआ।
सय्यद रिज़्वानुल्लाह वाहिदी
सूफ़ी लेख
"है शहर-ए-बनारस की फ़ज़ा कितनी मुकर्रम"
तारीख़-ए-विसाल-ए-ऊ बा-ज़ात-ए-नबी
1167 हिज्री
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ बू-अ’ली शाह क़लंदर
राह-याबी दर हरीम-ए-किब्रिया
चूँ ब-मानी बा-ख़ुदा याबी विसाल
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
उ’र्फ़ी हिन्दी ज़बान में - मक़्बूल हुसैन अहमदपुरी
12۔ उ’र्फ़ी अगर ब-गिर्य: मयस्सर शुदे विसाल
सद साल मी-तवाँ ब-तमन्ना गिरेस्तन
ज़माना
सूफ़ी लेख
हज़रत शैख़ फ़ख़्रुद्दीन इ’राक़ी रहमतुल्लाह अ’लैह
हमःहदीस-ए-वफ़ा-ओ-विसाल मी-गुफ़्ती
चे आ’शिक़-ए-तू शुदम क़िस्सः बाज़-गूँ कर्दी
सूफ़ीनामा आर्काइव
सूफ़ी लेख
आगरा में ख़ानदान-ए-क़ादरिया के अ’ज़ीम सूफ़ी बुज़ुर्ग
2 रबीउ’ल-अव्वल 1230 हिज्री को विसाल फ़रमाया।
लौह-ए-मज़ार पर ये तारीख़ कंदा है:
फ़ैज़ अली शाह
सूफ़ी लेख
हज़रत ग़ौस ग्वालियरी और योग पर उनकी किताब बह्र उल हयात
हज़रत ग़ौस ग्वालियरी ने ग्वालियर में अपनी ख़ानक़ाह बनाई और उनका ज़्यादातर समय समाअ’ महफ़िलों में
सुमन मिश्रा
सूफ़ी लेख
महाकवि सूरदासजी- श्रीयुत पंडित रामचंद्र शुक्ल, काशी।
औचक ही देखी तहँ राधा, नैन विसाल भाल दिए ररी।
सूरश्याम देखत ही रीझे, नैन नैन मिलि परी ठगोरी।।
नागरी प्रचारिणी पत्रिका
सूफ़ी लेख
शाह नियाज़ बरैलवी ब-हैसिय्यत-ए-एक शाइ’र - मैकश अकबराबादी
दिल-ए-बे-नवा ने मेरे वहाँ छावनी है छाई
न विसाल है न हिज्राँ न सुरूर है न ग़म है