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सूफ़ी लेख
अमीर खुसरो- पद्मसिंह शर्मा
इस प्रकार निरंतर लगन के साथ अभ्यास करते-करते अमीर खु़सरो ने वह कमाल हासिल किया कि
माधुरी पत्रिका
सूफ़ी लेख
ज़िक्र-ए-ख़ैर : हज़रत हसन जान अबुल उलाई
हसन जान की शे’री अ’ज़्मत का चर्चा ख़ूब हुआ।उस दौरान कसरत से लोगों ने आपकी शागिर्दी
रय्यान अबुलउलाई
सूफ़ी लेख
क़व्वाली और सहाफ़त
सहाफ़त में मज़हबिय्यात के लिए बहुत कम गुंजाइश है और बद-नसीबी से क़व्वाली ‘उमूमन मज़हबी कालम
अकमल हैदराबादी
सूफ़ी लेख
बहादुर शाह और फूल वालों की सैर
बादशाह ने फ़रमाया वाह जी वाह ख़ाली झूला कैसा। कढ़ाई चढ़ाओ, झूलते जाओ और खाते जाओ