आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "naagripracharigi patrika volume 002 rai bahadur gauri shankar harichand ebooks"
सूफ़ी लेख के संबंधित परिणाम "naagripracharigi patrika volume 002 rai bahadur gauri shankar harichand ebooks"
सूफ़ी लेख
निरंजनी साधु
निरंजनी साधुइनका पंथ भी संवत् 1600 के पीछे हरिदास जी से चला है। हरिदास को कोई
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
तज़्किरा शंकर-ओ-शंभू क़व्वाल
क़व्वाली का फ़न किसी मज़हब की मीरास नहीं। हर मज़हब के लोग न सिर्फ़ इस फ़न
अकमल हैदराबादी
सूफ़ी लेख
अलाउल की पद्मावती - वासुदेव शरण अग्रवाल
मलिक मुहम्मद जायसी कृत पद्मावत की व्याख्या लिखते हुए मेरा ध्यान पद्मावत के अन्य अनुवादों की
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
कर्नाटक के संत बसवेश्वर, श्री मे. राजेश्वरय्या
युग प्रवर्तक बसवेश्वर की वाणी में समाज सुधारक, धर्म सुधारक और सुभाषितकार की एक त्रिवेणी है।
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
अलाउल की पदमावती- वासुदेव शरण अग्रवाल- Ank-1, 1956
प्राक्कथनमलिक मुहम्मद जायसी कृत पद्मावत की व्याख्या लिखते हुए मेरा ध्यान पद्मावत के अन्य अनुवादों की
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
अलाउल और उनकी पद्मावती-सत्येन्द्रनाथ घोषाल, शान्तिनिकेतन - Ank-1, 1956
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
हिन्दी साहित्य में लोकतत्व की परंपरा और कबीर- डा. सत्येन्द्र
हिन्दी पहले लोक भाषा थी। लोकभाषा ही शनैः शनैः साहित्यिक भाषा का रूप ग्रहण करती है।
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
चरणदासी सम्प्रदाय का अज्ञात हिन्दी साहित्य - मुनि कान्तिसागर - Ank-1, 1956
भारतीय संत परंपरा के उज्ज्वल इतिहास में स्वामी चरणदास और उनके द्वारा रचित साहित्य का स्थान
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
निर्गुण कविता की समाप्ति के कारण, श्री प्रभाकर माचवे - Ank-1, 1956
सामान्यतः निर्गुण कविता की समाप्ति के कारण ऐतिहासिक यानी राजनैतिक बताये जाते हैं। मुस्लिम आक्रमण के
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
गुजरात के सूफ़ी कवियों की हिन्दी-कविता - अम्बाशंकर नागर
गुजरात ने हिन्दी भाषा और साहित्य की अभिवृद्धि में प्रशंसनीय योग दिया है, यहां के वैष्णव
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
कवि वृन्द के वंशजों की हिन्दी सेवा- मुनि कान्तिसागर - Ank-3, 1956
कवित्व की प्रतापपूर्ण प्रतिभा सभी में समान भाव से नहीं पाई जाती। अनुभूति का समुचित वैयक्तिकरण
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
उड़िया में कृष्ण–भक्ति-साहित्य, श्री गोलोक बिहारी धल - Ank-1, 1956
उड़िया प्रमुख आधुनिक भारतीय भाषाओं में से एक है। उड़ीसा तथा उसके सीमान्त प्रदेशों में यह
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
रैदास और सहजोबाई की बानी में उपलब्ध रूढ़ियाँ- श्री रमेश चन्द्र दुबे- Ank-2, 1956
भारत की आध्यात्मिक परम्परा में जिन तत्वों का संग्रंथन वैदिक काल से लेकर भक्ति-काल तक अविच्छिन्न
भारतीय साहित्य पत्रिका
सूफ़ी लेख
हाफ़िज़ की कविता- शाल़ग्राम श्रीवास्तव
हिन्दी जाननेवालों को फ़ारसी-किवता के रसास्वादन के लिए पहले दो-एक मोटी मोटी बातों की हृदयस्थ कर
सरस्वती पत्रिका
सूफ़ी लेख
हाफ़िज़ की कविता - शालिग्राम श्रीवास्तव
हिन्दी जाननेवालों को फ़ारसी-किवता के रसास्वादन के लिए पहले दो-एक मोटी मोटी बातों की हृदयस्थ कर