आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "رو"
शेर के संबंधित परिणाम "رو"
शे'र
किया जो मुझ तरफ़ गुल-रू नज़र आहिस्ता आहिस्तावो पहुँची बुलबुल-ए-दिल कूँ ख़बर आहिस्ता आहिस्ता
तुराब अली दकनी
शे'र
देखे जो यक-ब-यक गुल-रू तुम्हारी बे-हिजाबी हममिसाल-ए-बुलबुल-ए-शैदा किए अपनी ख़राबी हम
तुराब अली दकनी
शे'र
जला हूँ आतिश-ए-फ़ुर्क़त से मैं ऐ शोअ'ला-रू याँ तकचराग़-ए-ख़ाना मुझ को देख कर हर शाम जलता है
अ’ब्दुल रहमान एहसान देहलवी
शे'र
इस आईना-रू के वस्ल में भी मुश्ताक़-ए-बोस-ओ-कनार रहेऐ आ’लम-ए-हैरत तेरे सिवा ये भी न हुआ वो भी न हुआ
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
शे'र
कामिल शत्तारी
शे'र
शैदा-ए-रू-ए-गुल न हैं शैदा-ए-क़द्द-ए-सर्वसय्याद के शिकार हैं इस बोसताँ में हम