आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "नूर-ए-नज़र"
शेर के संबंधित परिणाम "नूर-ए-नज़र"
शे'र
निकल कर ज़ुल्फ़ से पहुँचूँगा क्यूँकर मुसहफ़-ए-रुख़ परअकेला हूँ अँधेरी रात है और दूर मंज़िल है
अकबर वारसी मेरठी
शे'र
मेरी आँख बंद थी जब तलक वो नज़र में नूर-ए-जमाल थाखुली आँख तो ना ख़बर रही कि वो ख़्वाब था कि ख़्याल था
बहादुर शाह ज़फ़र
शे'र
मुज़्तर ख़ैराबादी
शे'र
ख़ुदा रक्खे अजब कैफ़-ए-बहार-ए-कू-ए-जानाँ हैकि दिल है जल्वः-सामाँ तो नज़र जन्नत-ब-दामाँ है
अफ़क़र मोहानी
शे'र
हज़ार रंग-ए-ज़माना बदले हज़ार दौर-ए-नशात आएजो बुझ चुका है हवा-ए-ग़म से चराग़ फिर वो जला नहीं है