परिणाम "बर्बाद"
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कर दिया बर्बाद सारा इ'श्क़ ने जब ख़ानुमाँशहर में चर्चा मेरा फिर घर-ब-घर होने लगा
किया बर्बाद अरमानों ने दिल कोमिरे दुश्मन तो घर के फ़र्द निकले
शायद कि यही आँसू काम आएँ मोहब्बत मेंहम अपनी मता-ए-ग़म बर्बाद नहीं करते
मुझे नाशाद कर के आसमाँ राहत न पाएगामुझे बर्बाद कर के ख़ाक छानेगी ज़मीं बरसों
रखा न अब कहीं का दिल-ए-बे-क़रार नेबर्बाद कर दिया ग़म-ए-बे-इख़्तियार ने
कुछ तो कर खौफ़-ए-खुदा दिल में ऐ ज़ालिम अपनेदिल-ए-उ’श्शाक़ को इस तरह़ से बर्बाद न कर
दम तोड़ रहा है देख ज़रा आ’शिक़ है तिरा कुश्ता है तिराऐ मोहनी सूरत वाले हसीं महबूब को यूँ बर्बाद न कर
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