परिणाम "हयात"
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दिल गया रौनक़-ए-हयात गईग़म गया सारी काएनात गई
इस क़दर याद है बस इ'श्क़ की रूदाद 'हयात'जैसे देखा था कभी ख़्वाब-ए-परेशाँ कोई
आख़िर ग़म-ए-हयात के मातम से फ़ाएदाग़म ज़िंदगी के साथ ख़ुशी ज़िंदगी के साथ
मैं तलख़ी-ए-हयात से घबरा के पी गयाग़म की सियाह रात से घबरा के पी गया
तेरा इ’श्क़ मुझ कूँ है आब-ए-हयातन आवे मुझे मौत तेरे सँगात
तुम्हारा दर्द है सरमाया-ए-हयात मिराख़ुदा करे कि ये हो ला-दवा ग़रीबनवाज़
वो क्या हयात है जो तर्क-ए-बंदगी न हुईचराग़ जलता रहा और रौशनी न हुई
ज़ुल्फ़ों का तसव्वुर सलामों की है बारिशमजबूर ग़म-ए-इ’श्क़ की हर शाम हसीं है
शीशे में हसीं बादा-ए-गुल-फ़ाम हसीं हैमय-ख़ाना-ए-इस्लाम का हर जाम हसीं है
मिरे सय्याद को बा-वस्फ़-ए-असीरी है ये ख़ौफ़मैं क़फ़स में भी बना लूँगा गुलिस्ताँ कोई
कोई मर कर तो देखे इम्तिहाँ-गाह-ए-मोहब्बत मेंकि ज़ेर-ए-ख़ंजर-ए-क़ातिल हयात-ए-जावेदाँ तक है
गूढ़ ज़ुल्मात अंधेर ग़ुबाराँ राह ने ख़ौफ़ ख़तर दे हूआब हयात मुनव्वर चश्मे साए ज़ुलफ़ अंबर दे हू
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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