आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "aashiq-e-dil-giir"
शेर के संबंधित परिणाम "aashiq-e-dil-giir"
शे'र
आ’शिक़ हो ते इ’श्क़ कमा दिल रक्खीं वांग पहाड़ाँ हूसै सै बदियाँ लक्ख उलाहमें, जाणीं बाग़-बहाराँ हू
सुल्तान बाहू
शे'र
दर्द-ए-दिल अव्वल तो वो आ’शिक़ का सुनते ही नहींऔर जो सुनते हैं तो सुनते हैं फ़साने की तरह
अमीर मीनाई
शे'र
कवि दिलदार
शे'र
जुज़ तेरे नहीं ग़ैर को रह दिल के नगर मेंजब से कि तिरे इश्क़ का याँ नज़्म-ओ-नसक़ है
मीर मोहम्मद बेदार
शे'र
जाता है मिरे घर से दिल-दार ख़ुदा-हाफ़िज़है ज़िंदगी अब मुश्किल बे-यार ख़ुदा-हाफ़िज़
मीर मोहम्मद बेदार
शे'र
अकबर वारसी मेरठी
शे'र
माहिरुल क़ादरी
शे'र
मन पाया है उस ने दिल मेरा काबा है घर अल्लाह का हैअब खोद के उस को फिकवा दे वो बुत न कहीं बुनियाद सती
ग़ुलाम नक्शबंद सज्जाद
शे'र
दिलबर में दिल या दिलबर दिल में है'इ’श्क़' उस को बता किस तरह से ग़ैर कहूँ