आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "ba-ra.ng-e-maahi-e-be-aab"
शेर के संबंधित परिणाम "ba-ra.ng-e-maahi-e-be-aab"
शे'र
हुस्न-मह्व-ए-रंग-ओ-बू है इ’श्क़ ग़र्क़-ए-हाय-ओ-हूहर गुलिस्ताँ उस तरफ़ है हर बयाबाँ इस तरफ़
ज़हीन शाह ताजी
शे'र
बेदम शाह वारसी
शे'र
इलाही रंग ये कब तक रहेगा हिज्र-ए-जानाँ मेंकि रोज़-ए-बे-दिली गुज़रा तो शाम-ए-इंतिज़ार आई
हसरत मोहानी
शे'र
अब उस मंज़िल पे पहुँचा है किसी का बे-ख़ुद-ए-उल्फ़तजहाँ पर ज़िंदगी-ओ-मौत का एहसास यकसाँ है
अफ़क़र मोहानी
शे'र
मुज़्तर ख़ैराबादी
शे'र
उसी का है रंग यासमन में उसी की बू-बास नस्तरन मेंजो खड़के पत्ता भी इस चमन में ख़याल आवाज़ आश्ना कर
अमीर मीनाई
शे'र
शह-ए-बे-ख़ुदी ने अता किया मुझे अब लिबास-ए-बरहनगीन ख़िरद की बख़िया-गरी रही न जुनूँ की पर्दा-दरी रही