आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bahr-e-siyah-posh"
शेर के संबंधित परिणाम "bahr-e-siyah-posh"
शे'र
ख़ुदा को याद कर क्यों मुल्तजी है कीमिया-गर सेकि सोना ख़ाक से होता है पैदा ला’ल पत्थर से
बह्र लखनवी
शे'र
ख़ुदा को याद कर क्यों मुल्तजी है कीमिया-गर सेकि सोना ख़ाक से होता है पैदा ला’ल पत्थर से
बह्र लखनवी
शे'र
उस सियह-बख़्त की रातें भी कोई रातें हैंख़्वाब-ए-राहत भी जिसे ख़्वाब-ए-परेशाँ हो जाए
बेदम शाह वारसी
शे'र
ख़ुश नहीं इफ़शा-ए-राज़-ए-दिल-रुबा पेश-ए-उमूमहातिफ़-ए-ग़ैबी मुझे इज़हार कहता है कि बोल
तुराब अली दकनी
शे'र
बहार आने की आरज़ू क्या बहार ख़ुद है नज़र का धोकाअभी चमन जन्नत-नज़र है अभी चमन का पता नहीं है
अफ़क़र मोहानी
शे'र
बहार आने की आरज़ू क्या बहार ख़ुद है नज़र का धोकाअभी चमन जन्नत-नज़र है अभी चमन का पता नहीं है
अफ़क़र मोहानी
शे'र
मिस्ल-ए-गुल बाहर गया गुलशन से जब वो गुल-एज़ारअश्क-ए-ख़ूनी से मेरा तन तर-ब-तर होने लगा
किशन सिंह आरिफ़
शे'र
मिस्ल-ए-गुल बाहर गया गुलशन से जब वो गुल-ए'ज़ारअश्क-ए-ख़ूनी से मेरा तन तर-ब-तर होने लगा
किशन सिंह आरिफ़
शे'र
लूटेगा सब बहार तिरी शहना-ए-ख़िज़ाँबुलबुल पर कर ले तू ज़र-ए-गुल को निसार शाख़
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
लूटेगा सब बहार तिरी शहना-ए-ख़िज़ाँबुलबुल पर कर ले तू ज़र-ए-गुल को निसार शाख़