आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "bazm e sukhan lucknow shumara number 003 jagishar parshad khalish magazines"
शेर के संबंधित परिणाम "bazm e sukhan lucknow shumara number 003 jagishar parshad khalish magazines"
शे'र
सय्यदा ख़ैराबादी
शे'र
हाज़िर है बज़्म-ए-यार में सामान-ए-ऐ’श सबअब किस का इंतिज़ार है 'अकबर' कहाँ हो तुम
शाह अकबर दानापूरी
शे'र
ख़ुशी से दूर हूँ ना-आश्ना-ए-बज़्म-ए-इ’शरत हूँसरापा दर्द हूँ वाबस्ता-ए-ज़ंजीर-क़िस्मत हूँ
शाह मोहसिन दानापुरी
शे'र
ख़ुशी से दूर हूँ ना-आश्ना-ए-बज़्म-ए-इ’शरत हूँसरापा दर्द हूँ वाबस्ता-ए-ज़ंजीर-क़िस्मत हूँ
शाह मोहसिन दानापुरी
शे'र
सामने मेरे ही वो जाते हैं बज़्म-ए-ग़ैर मेंअल-मदद ऐ ज़ब्त मुझ को कब तक उस का ग़म रहे