परिणाम "bharam"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
दीन-ओ-ईमाँ क्या और क्या है धरम खोल दिया अब तो नाम-ए-ख़ुदा ने भरमचश्म-ए-मुर्शिद ने की ऐसी जादूगरी कुछ भी मुझ को न भाए तो मैं क्या करूँ
आरज़ू-ए-दीन-ओ-दुनिया अब नहीं ‘बहराम’ कुछपर मिरा निकले उम्मीद-ए-रहमत-ए-यज़्दाँ में दम
खींचता हूँ मैं तसव्वुर से ब-दिल तस्वीर-ए-यारआफ़ताब-ए-सुब्ह साँ महबूब मेरे बर में है
मस्नद-ए-किम-ख़्वाब शाहाँ को कहाँ हासिल ये क़्दरमंजिलत तेरे गदाओं की जो ख़ाकस्तर में है
सर्व-ए-गुलशन हो सनोबर हो कि हो फ़ित्ना-ए-हश्रसच तो ये है कि ग़ज़ब वो क़द-ए-बाला देखा
उस के नज़्ज़ारे की हो कैसे दिल-ए-इंसाँ को ताबजल्व-ए-ज़ात-ए-ख़ुदा तेरे रुख़-ए-अनवर में है
हैं ख़जिल क़ौस-ओ-हिलाल-ओ-ख़ंजर-ओ-तेग़-ए-सितमक़ातिल-ए-आ’लम है तेरी अबरु-ए-पुर-ख़म नहीं
उतरा वो ख़ुमार-ए-बादा-ए-ग़म रिंदों को हुवा इदराक-ए-सितमखुलने को है मय-ख़ाने का भरम अब पीर-ए-मुग़ाँ की ख़ैर नहीं
क़ैदी-ए-ज़ुल्फ़ कभी गाह असीर-ए-गेसूहमने इस दिल को इसी तरह का सौदा देखा
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books