आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "deewan e jamali gulistan e farhat qara qazi umrao ali jamali ebooks"
शेर के संबंधित परिणाम "deewan e jamali gulistan e farhat qara qazi umrao ali jamali ebooks"
शे'र
कोई रश्क-ए-गुलिस्ताँ है तो कोई ग़ैरत-ए-गुलशनहुए क्या क्या हसीं गुलछर्रः पैदा आब-ओ-गिल से
शाह अकबर दानापूरी
शे'र
कब दिमाग़ इतना कि कीजे जा के गुल-गश्त-ए-चमनऔर ही गुलज़ार अपने दिल के है गुलशन के बीच
मीर मोहम्मद बेदार
शे'र
नहीं आती क़ज़ा मक़्तल में ख़ौफ़-ए-तेग़-ए-क़ातिल सेइलाही ख़ैर क्यूँ-कर दम तन-ए-बिस्मिल से निकलेगा
हशम लखनवी
शे'र
नहीं आती क़ज़ा मक़्तल में ख़ौफ़-ए-तेग़-ए-क़ातिल सेइलाही ख़ैर क्यूँ-कर दम तन-ए-बिस्मिल से निकलेगा
हशम लखनवी
शे'र
इतनी बात न बूझी लोगाँ आप निभाता करी सो कुएइ’ल्म क़ुदरत जिस थोरा होवे की मजबूर विचारा होए
शाह अली जीव गामधनी
शे'र
मुझे रास आएं ख़ुदा करे यही इश्तिबाह की साअ’तेंउन्हें ए’तबार-ए-वफ़ा तो है मुझे ए’तबार-ए-सितम नहीं
शकील बदायूनी
शे'र
मुझे रास आएं ख़ुदा करे यही इश्तिबाह की साअ’तेंउन्हें ए’तबार-ए-वफ़ा तो है मुझे ए’तबार-ए-सितम नहीं
शकील बदायूनी
शे'र
जिस्म का रेशा रेशा मचले दर्द-ए-मोहब्बत फ़ाश करेइ’शक में 'काविश' ख़ामोशी तो सुख़नवरी से मुश्किल है