आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "fahrist kitab khana aastana e qudus rizwi volume 004 ebooks"
शेर के संबंधित परिणाम "fahrist kitab khana aastana e qudus rizwi volume 004 ebooks"
शे'र
चश्म-ए-हक़ीक़त-ए-आश्ना देखे जो हुस्न की किताबदफ़्तर-ए-सद-हदीस-ए-राज़ हर वरक़-ए-मजाज़ हो
बेदम शाह वारसी
शे'र
अफ़क़र मोहानी
शे'र
बेदम शाह वारसी
शे'र
ग़म-ए-फ़ुर्क़त है खाने को शब-ए-ग़म है तड़पने कोमिला है हम को वो जीना कि मरना इस को कहते हैं
राक़िम देहलवी
शे'र
मुरीद-ए-पीर-ए-मय-ख़ाना हुए क़िस्मत से ऐ नासेहन झाड़ें शौक़ में पलकों से हम क्यूँ सहन-ए-मय-ख़ाना
इब्राहीम आजिज़
शे'र
ख़ुशी से चोट खाने का मज़ा या कैफ़-ए-जाँ-सोज़ीकोई जाँ-सोज़ परवाना या कोई दिल-जला जाने
बेख़ुद सुहरावरदी
शे'र
अकबर वारसी मेरठी
शे'र
मय-ख़ाना में ख़ुदी को नहीं दख़्ल शैख़-जीबे-ख़ुदी हुआ है जिन ने पिया है वो जाम-ए-ख़ास
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
शे'र
मेहर-ए-ख़ूबाँ ख़ाना-अफ़रोज़-ए-दिल-अफ़सुर्दः हैशो'ला आब-ए-ज़ि़ंदगानी-ए-चराग़-ए-मुर्दः है
मीर मोहम्मद बेदार
शे'र
एहसास के मय-ख़ाने में कहाँ अब फिक्र-ओ-नज़र की क़िंदीलेंआलाम की शिद्दत क्या कहिए कुछ याद रही कुछ भूल गए
साग़र सिद्दीक़ी
शे'र
जहाँ में ख़ाना-ज़ाद-ए-ज़ुल्फ़ को क्या छोड़ देते हैंकि तुम ने छोड़ रखा मुझ असीर-ए-ज़ुल्फ़-ए-पेचाँ को
राक़िम देहलवी
शे'र
मेरे अ'र्ज़-ए-ग़म पे वो कहना किसी का हाए हाएशिकवा-ए-ग़म शेवा-ए-अहल-ए-वफ़ा होता नहीं
जिगर मुरादाबादी
शे'र
न पूछो क्यूँ मैं का'बे जा के बुत-ख़ाने चला आयाअकेला घर तो दुनिया को बुरा मालूम होता है
मुज़्तर ख़ैराबादी
शे'र
कू-ब-कू फिरता हूँ मैं ख़ाना-ख़राबों की तरहजैसे सौदे का तेरे सर में मेरे घर हो गया