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शे'र
चश्म-ए-हक़ीक़त-ए-आश्ना देखे जो हुस्न की किताबदफ़्तर-ए-सद-हदीस-ए-राज़ हर वरक़-ए-मजाज़ हो
बेदम शाह वारसी
शे'र
वो तूर वाली तिरी तजल्ली ग़ज़ब की गर्मी दिखा रही हैवहाँ तो पत्थर जला दिए थे यहाँ कलेजा जला रही है
मुज़्तर ख़ैराबादी
शे'र
तिरा ग़म सहने वाले पर ज़माना मुस्कुराता हैमगर हर शख़्स की क़िस्मत में तेरा ग़म नहीं होता
अज़ीज़ वारसी देहलवी
शे'र
तिरा ग़म सहने वाले पर ज़माना मुस्कुराता हैमगर हर शख़्स की क़िस्मत में तेरा ग़म नहीं होता
अज़ीज़ वारसी देहलवी
शे'र
क्यूँ ये ख़ुदा के ढूँडने वाले हैं ना-मुरादगुज़रा मैं जब हुदूद-ए-ख़ुदी से ख़ुदा मिला
सीमाब अकबराबादी
शे'र
क्यूँ ये ख़ुदा के ढूँडने वाले हैं ना-मुरादगुज़रा मैं जब हुदूद-ए-ख़ुदी से ख़ुदा मिला