परिणाम "laatii"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
जहाँ क़ुदरत किसी से फेर लेती है नज़र अपनीवहीं इंसान की बे-माएगी मालूम होती है
मेरी आवाज़ ख़मोशी ने मुझे लौटा दीमुझ में अब जुरअत-ए-गोयाई कहाँ से आए
इसे भी नावक-ए-जानाँ तू अपने साथ लेता जाकि मेरी आरज़ू दिल से निकलने को तरसती है
फ़रहाद किस उम्मीद पे लाता है जू-ए-शीरवाँ ख़ून की हवस है नहीं आरज़ू-ए-शीर
अपने रिसते हुए ज़ख़्मों पे छिड़क लेता हूँराख झड़ती है जो एहसास के अँगारों से
कि ख़िरद की फ़ित्नागरी वही लुटे होश छा गई बे-ख़ुदीवो निगाह-ए-मस्त जहाँ उठी मिरा जाम-ए-ज़िंदगी भर गया
लेने वाले अपनी आँखों से लगा लेते हैं उसेआँख का तारा है संदल हज़रत-ए-मख़दूम का
औरों के ख़यालात की लेते हैं तलाशीऔर अपने गरेबान में झाँका नहीं जाता
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books