आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "madh-bhare"
शेर के संबंधित परिणाम "madh-bhare"
शे'र
कुछ भीगी तालैं होली की कुझ नाज़ अदा के ढंग भरेदिल भूले देख बहारों को और कानों में आहंग भरे
नज़ीर अकबराबादी
शे'र
चश्मः-ए-जारी खास्सः-ए-बारी गर्द-सवारी बाद-ए-बहारीआईना-दारी फ़ख़्र-ए-सिकन्दर सल्लल्लाहो अ’लैहे-वसल्लम
अमीर मीनाई
शे'र
हैरान है तेरे मज़हब से सब गबरू मुसलमाँ ऐ 'अहक़र'ये उस की गली का रस्ता है पुर-ख़ौफ़ भी है पुर-ख़ार भी
अहक़र बिहारी
शे'र
अहक़र बिहारी
शे'र
अहक़र बिहारी
शे'र
डरता ही रहे इंसाँ इस से उम्मीद गर है बख़्शिश कीहैं नाम इसी के ये दोनों ग़फ़्फ़ार भी है क़हहार भी है
अहक़र बिहारी
शे'र
पढ़ पढ़ इ’ल्म हज़ार कताबाँ आ’लिम होए भारे हूहर्फ़ इक इ’श्क़ दा पढ़ न जाणन भुल्ले फिरन विचारे हू
सुल्तान बाहू
शे'र
अहक़र बिहारी
शे'र
सबा की तरह रहा मैं भी कू-ब-कू फिरताहमारे दिल से भी उस गुल की जुस्तुजू न गई