आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mahbubuz zaman tazkira e shora e deccan part 002 mohammad abdul jabbar khan ebooks"
शेर के संबंधित परिणाम "mahbubuz zaman tazkira e shora e deccan part 002 mohammad abdul jabbar khan ebooks"
शे'र
ऐ जान-ए-मन जानान-ए-मन हम दर्द-ओ-हम दरमान-ए-मनदीन-ए-मन-ओ-ईमान-ए-मन अम्न-ओ-अमान-ए-उम्मताँ
अहमद रज़ा ख़ान
शे'र
कूचे में तिरे ऐ जान-ए-ग़ज़ल ये राज़ खुला हम पर आ करग़म भी तो इनायत है तेरी हम ग़म का मुदावा भूल गए
अब्दुल हादी काविश
शे'र
मक़ाम-ए-रहमत-ए-हक़ है तिरे दर की ज़मीं वारिसअदा हो जाए मेरा भी कोई सज्दा यहीं वारिस
क़ैसर शाह वारसी
शे'र
नहीं पड़ते हैं ज़मीं पर जो तिरे नक़्श-ए-क़दमक्यूँ उड़े रंग-ए-हिना ग़ैर के घर जाने में
रियाज़ ख़ैराबादी
शे'र
कहीं है अ’ब्द की धुन और कहीं शोर-ए-अनल-हक़ हैकहीं इख़्फ़ा-ए-मस्ती है कहीं इज़हार-ए-मस्ती है
बेदम शाह वारसी
शे'र
एहसास के मय-ख़ाने में कहाँ अब फिक्र-ओ-नज़र की क़िंदीलेंआलाम की शिद्दत क्या कहिए कुछ याद रही कुछ भूल गए
साग़र सिद्दीक़ी
शे'र
मनम आँ माह-ए-औज-ए-हुस्न दर बुर्ज-ए-ज़मींं-ताबाँकि हर शब मी-शवंद अज़ आसमाँ अंजुम निसार-ए-मन
इब्राहीम आजिज़
शे'र
मेहर-ए-ख़ूबाँ ख़ाना-अफ़रोज़-ए-दिल-अफ़सुर्दः हैशो'ला आब-ए-ज़ि़ंदगानी-ए-चराग़-ए-मुर्दः है