आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "naseem e sahar shumara number 004 unknown editor magazines"
शेर के संबंधित परिणाम "naseem e sahar shumara number 004 unknown editor magazines"
शे'र
नहीं आँख जल्वा-कश-ए-सहर ये है ज़ुल्मतों का असर मगरकई आफ़्ताब ग़ुरूब हैं मिरे ग़म की शाम-ए-दराज़ में
सीमाब अकबराबादी
शे'र
नामा-बर ख़त दे के उस को लफ़्ज़ कुछ मत बोलियोदम-ब-ख़ुद रहियो तेरी तक़रीर की हाजत नहीं
किशन सिंह आरिफ़
शे'र
मुरीद-ए-पीर-ए-मय-ख़ाना हुए क़िस्मत से ऐ नासेहन झाड़ें शौक़ में पलकों से हम क्यूँ सहन-ए-मय-ख़ाना
इब्राहीम आजिज़
शे'र
गुलशन-ए-जन्नत की क्या परवा है ऐ रिज़वाँ उन्हेंहैं जो मुश्ताक़-ए-बहिश्त-ए-जावेदान-ए-कू-ए-दोस्त