परिणाम "paiman e shab naseer gilani ebooks"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
एक शब तू बैठ मेरे हल्का-ए-आग़ोश मेंयार-ए-मह-पैकर क़दम हाले से मत बाहर उठा
हर शब मनम फ़ितादः ब-गिर्द-ए-सराए तूता-रोज़ आह-ओ-नाला कनम अज़ बराए तू
शब मिरा शोर-ए-गिर्या सुन के कहामैं तो इस ग़ुल में सो नहीं सकता
मुश्तरक शब से हुआ ख़ून-ए-जिगर अश्कों मेंरात से रंग बदलने लगे आँसू अपना
ऐ शम-ए-दिल-अफ़रोज़ शब-तार-मोहब्बततुझ से ही है ये गर्मी-ए-बाज़ार-ए-मोहब्बत
वस्ल की शब हो चुकी रुख़्सत क़मर होने लगाआफ़ताब-ए-रोज़-ए-महशर जल्वः-गर होने लगा
कुछ आवाज़ें आती हैं सुनसान शब मेंअब उन से भी ख़ाली बयाबाँ हुए हैं
वस्ल में गेसू-ए-शब-गूँ ने छुपाई आरिज़लैलतुल-क़द्र में क्यूँ चाँद निकलने न दिया
रोज़-ओ-शब किस तरह बसर मैं करूँग़म तिरा अब तो जी ही खाता है
बला है क़ब्र की शब इस से बढ़ के हश्र के दिनन आऊँ होश में इतनी मुझे पिला देना
ऐ सबा क्या मुँह है जो दा'वा-ए-हम-रंगी करेदेख कर गुलशन में फूलों के कटोरों को हिना
शब-ए-विसाल बयान-ए-ग़म-ए-फ़िराक़ अबसफ़ुज़ूल है गिला-ए-ज़ख़्म इल्तियाम के बा'द
कान का बाला है या गिर्दाब-ए-बहर-ए-हुस्न हैकश्ती-ए-दिल को जो मेरी अब डुबा जाते हो तुम
नुक्ता-ए-ईमान से वाक़िफ़ होचेहरा-ए-यार जा-ब-जा देखा
समझ कर साँप उस को वो गले से मेरे आ लिपटाजो शब बिस्तर पे देखा गुल-बदन ने हार का साया
सूरत-ए-हस्ती में फिर देखेंगे शक्ल-ए-रफ़्तगाँअब तलक आईना हम-आग़ोश-ए-ख़ाकिस्तर रहा
शब-ए-फ़ुर्क़त भी जगमगा उट्ठीअश्क-ए-ग़म हैं कि माह-पारे हैं
नामा-ए-लख़्त-ए-दिल उस बे-दीद तक पहुँचा मिराआज फिर ऐ क़ासिद-ए-अश्क-ए-रवाँ बहर-ए-खु़दा
ख़याल-ए-शब-ए-ग़म से घबरा रहे हैंहमें दिन को तारे नज़र आ रहे हैं
देखते थे तख़्ता-ए-गुल-हा-ए-आतिश की बहारजिस तरह यारो ख़लीलुल्लाह पयम्बर आग में
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books