आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "suu-e-gurez"
शेर के संबंधित परिणाम "suu-e-gurez"
शे'र
साग़र शराब-ए-इ'श्क़ का पी ही लिया जो हो सो हो
सर अब कटे या घर लुटे फ़िक्र ही क्या जो हो सो हो
अब्दुल हादी काविश
शे'र
इ’श्क़ में तेरे कोह-ए-ग़म सर पे लिया जो हो सो हो
ऐ’श-ओ-निशात-ए-ज़िंदगी छोड़ दिया जो हो सो हो
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
शे'र
इ'श्क़ में तेरे कोह-ए-ग़म सर पे लिया जो हो सो हो
ऐश-ओ-निशात-ए-ज़िंदगी छोड़ दिया जो हो सो हो
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
शे'र
इतनी बात न बूझी लोगाँ आप निभाता करी सो कुए
इ’ल्म क़ुदरत जिस थोरा होवे की मजबूर विचारा होए
शाह अली जीव गामधनी
शे'र
अदा ग़म्ज़े करिश्मे इश्वे हैं बिखरे हुए हर-सू
सफ़-ए-मक़्तल में या क़ातिल है या अंदाज़-ए-क़ातिल है
अकबर वारसी मेरठी
शे'र
अदा ग़म्ज़े करिश्मे इश्वे हैं बिखरे हुए हर-सू
सफ़-ए-मक़्तल में या क़ातिल है या अंदाज़-ए-क़ातिल है
अकबर वारसी मेरठी
शे'र
वली वारसी
शे'र
जब तक एक हसीं मकीं था दिल में हर-सू फूल खिले थे
वो उजड़ा तो गुलशन उजड़ा और हुआ आबाद नहीं है
बेख़ुद सुहरावरदी
शे'र
कहियो ऐ क़ासिद पयाम उस को कि तेरे हिज्र से
जाँ-ब-लब पहुँचा नहीं आता है तू याँ अब तलक