परिणाम "ख़लिश"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
दिल की ख़लिश का दर्द मोहब्बत का वास्तादेखो इधर भी चश्म-ए-मुरव्वत का वास्ता
ख़लिश-ए-ग़म्ज़ा-ए-ख़ूँ-रेज़ न पूछदेख ख़ूँनाबा-फ़िशानी मेरी
एक मुद्दत से थी ख़लिश दिल मेंकह चुके बात बात ख़त्म हुई
’इलाज-ए-दर्द मिरे चारासाज़ रहने देकि ये ख़लिश है बड़ी दिल-नवाज़ रहने दे
दिल में है यार की सफ़-ए-मिज़्गाँ से रू-कशीहालाँकि ताक़त-ए-ख़लिश-ए-ख़ार भी नहीं
ऐ 'ज़हीन' अब न वो सोज़िश न तपिश है न ख़लिशदिल-ए-अफ़्सुर्दा चराग़-ए-शब-ए-तन्हाई है
कोई मेरे दिल से पूछे तिरे तीर-ए-नीम-कश कोये ख़लिश कहाँ से होती जो जिगर के पार होता
थम-थम के दर्द उठे रुक-रुक के हर ख़लिश मेंरह-रह के दिल में कोई नश्तर लगा रहा है
वही सोज़ है वही साज़ है वो ख़लिश भी है जो मिट्टी नहींवही दर्द लेता है चुटकियाँ रग-ए-जाँ में जिस की कमी नहीं
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books