परिणाम "बेहोश"
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न कर बेहोश वाँ तक तू मुझे हुश्यार जाने देतजल्लीगाह तक शौक़-ए-जमाल-ए-यार जाने दे
देखो तो चश्म-ए-यार की जादू-निगाहियाँबेहोश इक नज़र में हुई अंजुमन तमाम
मूसा बेहोश हुआ कहता था रब्बे-अरेनीआवाज़ लन-तरानी कोह में सुनाई तू ने
हर शै को मिरे दिल से भुलाते हुए आतेआना था तो बेहोश बनाते हुए आते
बेहोश हुआ नश्शा-ए-उल्फ़त में जो तेरेहैं होश उसी को वो हुशियार है या-रब
किस लिए बेहोश हो ऐ हज़रत-ए-मूसा उठोहम उठाएँगे नक़ाब-ए-'आरिज़-ए-जानाना हम
महशर भी हुआ बरपा उट्ठे न तिरे कुश्तेबेहोश है नाम उस का अल्लाह रे बे-होशी
कौन सा जल्वा यहाँ आते ही बेहोश नहींदिल मिरा दिल है कोई साग़र-ए-सर जोश नहीं
ज़ौक़-ए-ख़बर में हम तो बेहोश हो गए थेक्या जाने कब वो आया हम को नहीं ख़बर कुछ
शराब-ए-बे-ख़ुदी है या मिरी जाँ हुस्न है तेराहुआ बेहोश-ओ-बे-ख़ुद पड़ गई जिस की नज़र तुझ पर
रुख़ से पर्दा हटा दे ज़रा साक़िया बस अभी रंग-ए-महफ़िल बदल जाएगाजो है बेहोश वो होश में आएगा गिरने वाला जो है वो सँभल जाएगा
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