आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "साज़-ए-रूह"
Kalaam के संबंधित परिणाम "साज़-ए-रूह"
कलाम
दिमाग़-ओ-रूह यकसाँ चाहिएँ इंसान-ए-कामिल में
ये क्या तक़्सीम-ए-नाक़िस है ख़ुदी सर में ख़ुदा दिल में
सीमाब अकबराबादी
कलाम
मंज़ूर आरफ़ी
कलाम
रूह-ए-रवाँ नग़्मा तुम नग़्मों का सोज़ साज़ में
जान-ए-ख़याल-ओ-ख़्वाब तुम जान-ए-जहान-ए-नाज़ में
बह्ज़ाद लखनवी
कलाम
अज़्म-ए-फ़रियाद! उन्हें ऐ दिल-ए-नाशाद नहीं
मस्लक-ए-अहल-ए-वफ़ा ज़ब्त है फ़रियाद नहीं
सीमाब अकबराबादी
कलाम
बीत गया हंगाम-ए-क़यामत रोज़-ए-क़यामत आज भी है
तर्क-ए-तअल्लुक़ काम न आया उन से मोहब्बत आज भी है
शकील बदायूँनी
कलाम
जुनूँ वज्ह-ए-शिकस्त-ए-रंग-ए-महफ़िल होता जाता है
ज़माना अपने मुस्तक़बिल में दाख़िल होता जाता है