परिणाम "goshe"
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ने तीर कमाँ में है न सय्याद कमीं मेंगोशे में क़फ़स के मुझे आराम बहुत है
जैसे वीराने में टकरा के पलटती है सदादिल के हर गोशे से आई तिरी आवाज़ मुझे
हसरत-ओ-दर्द का अल्लाह रे फ़ुर्क़त में हुजूमकि नहीं अब किसी गोशे में ठिकाना दिल का
कहे देती हैं नज़रें हाल-ए-दिल आँखों ही आँखों मेंछुपाऊँ लाख लेकिन दिल के गोशे खुल ही जाते हैं
बे-हर्फ़-ओ-सौत बातें करते हैं आप मुझ सेबे-होश-ओ-गोश में भी गोशे में सुन रहा हूँ
ख़ाना-ए-दिल में उतर आती है जिस की हर नज़रउस से अपने दिल के गोशे क्या छुपा सकता हूँ मैं
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