आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "jaan-e-adaa"
Kalaam के संबंधित परिणाम "jaan-e-adaa"
कलाम
ऐ जान ग़म-ए-दुश्मन में शोरीदा-सरी क्यूँ हैहम तो अभी ज़िंदा हैं ये जामा-दरी क्यूँ है
मुज़्तर ख़ैराबादी
कलाम
बेदम शाह वारसी
कलाम
किस घर में किस हिजाब में ऐ जाँ निहाँ हो तुमहम राह देखते हैं तुम्हारी कहाँ हो तुम
शाह अकबर दानापूरी
कलाम
मंज़ूर आरफ़ी
कलाम
मुम्ताज़ अशरफ़ी
कलाम
ग़ौस क़ुतुब न उरे उरेरे आशिक़ जाण अगेरे हूजेहड़े मंज़िल आशिक़ पहुंचण ग़ौस न पावण फेरे हू
सुल्तान बाहू
कलाम
तिरे ग़म को जाँ की तलाश थी तिरे जाँ-निसार चले गएतिरी रह में करते थे सर तलब सर-ए-रहगुज़ार चले गए
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कलाम
दिल पे ज़ख़्म खाते हैं जान से गुज़रते हैंजुर्म सिर्फ़ इतना है उन को प्यार करते हैं
इक़बाल सफ़ीपुरी
कलाम
जो बंदा-ए-जान-ए-जानाँ है तो जान जाने से क्या मतलबजो महव-ए-रू-ए-जाना है तो होश आने से क्या मतलब
अज्ञात
कलाम
ज़रा और मुस्कुरा लूँ दिल-ओ-जाँ शिकार-ए-ग़म हैंकि मसर्रतों के लम्हे मेरी ज़िंदगी में कम हैं
बह्ज़ाद लखनवी
कलाम
उन्हीं ख़ुश-गुमानियों में कहीं जाँ से भी न जाओवो जो चारा-गर नहीं है उसे ज़ख़्म क्यूँ दिखाओ