आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "jashn-e-ra.ng"
Kalaam के संबंधित परिणाम "jashn-e-ra.ng"
कलाम
मैं तन्हा आब-ओ-रंग बज़्म-ए-इम्काँ हो नहीं सकता
ये दिल वापस अगर तू इस में मेहमाँ हो नहीं सकता
सीमाब अकबराबादी
कलाम
फ़स्ल-ए-गुल में रंग मस्ती का जमाना चाहिए
उठ के मस्जिद से सू-ए-मय-ख़ाना जाना चाहिए
इम्तियाज़ हुसैन वाक़िफ़
कलाम
जुनूँ वज्ह-ए-शिकस्त-ए-रंग-ए-महफ़िल होता जाता है
ज़माना अपने मुस्तक़बिल में दाख़िल होता जाता है