आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "kalma-go"
Kalaam के संबंधित परिणाम "kalma-go"
कलाम
ज़े-ज़बानी हर कोई पढ़दा दिल दा कलमा कोई हूजित्थे कलमा दिल दा पढ़िए मिले ज़बां न ढोई हू
सुल्तान बाहू
कलाम
कलमे दी कल तदाँ पई, जद मुर्शिद कलमा दिस्या हूसारी उमर कुफ़र विच जाली बिन मुर्शिद दे दस्याँ हू
सुल्तान बाहू
कलाम
कलमे लक्ख करोड़ां तारे वली कीते सै राहीं हूकलमे नाल बुझाए दोज़ख़ जिथ अग्ग बले अज़गाही हू
सुल्तान बाहू
कलाम
चश्म में ख़ल्क़ की गो मिस्ल-ए-हबाब आता हूँऐ'न-ए-दरिया हूँ हक़ीक़त में बहा जाता हूँ
ख़्वाजा रुक्नुद्दीन इश्क़
कलाम
हम वस्ल में ऐसे खोए गए फ़ुर्क़त का ज़माना भूल गएसाहिल की ख़ुशी में मौजों का तूफ़ान उठाना भूल गए
कामिल शत्तारी
कलाम
कलिमा जो नहीं पढ़ता मोमिन नहीं कहलाताजो शिर्क नहीं करता जन्नत में नहीं जाता
अज़ीज़ुद्दीन रिज़वाँ क़ादरी
कलाम
वो जो एक दम को भी आ गए रग-ओ-पै में मेरी समा गएवो कुछ ऐसी आग लगा गए कि जला के मुझ को बुझा गए