परिणाम "khasaara"
Tap the Advanced Search Filter button to refine your searches
मोरे पिया घर आएऐ री सखी मोरे पिया घर आए
जो पिया आवण कह गए अजहूँ न आएअजहूँ न आए स्वामी हो
आज बथावा साजन के घर ऐ मैं वारी रैवारी वारी जाऊँ अपने पिया के ऐ मैं वारी रै
काहे को ब्याहे बिदेसअरे लखिया बाबुल मोरे काहे को ब्याहे बिदेस
तोरी सूरत के बलिहारी निजामतोरी सूरत के बलिहारी
बन बोलन लागे मोरआ घिर आई दई मारी घटा कारी बन बोलन लागे मोर
अपनी छवि बनाय के जो मैं पी के पास गईजब छवि देखी पीहू की तो अपनी भूल गई
दय्या री मोहे भिजोया रीशाह-निजाम के रंग में
जब यार देखा नैन भर दिल की गई चिंता उतरऐसा नहीं कोई अजब राखे उसे समझाए कर
सकल बन फूल रही सरसोंबन बन फूल रही सरसों
मोरा जोबना नवेलरा भयो है गुलालकैसे घर दीन्हीं बकस मोरी माल
बहुत दिन बीते पिया को देखेबहुत दिन बीते पिया को देखे
जो मैं जानती बिसरत हैं सैय्याँजो मैं जानती बिसरत हैं सैय्याँ घुँघटा में आग लगा देती
मोहे अपने ही रंग में रंग दे रंगीलेतो तू साहेब मेरा महबूब-ए-इलाही
पर्बत बाँस मँगवा मोरे बाबुल नीके मंडवा छिवाव रेडोलिया फँदाय पिया लै चली हैं अब संग नहिं कोई आव रे
बन के पंछी भए बावरे ऐसी बीन बजाई सँवारेतार तार की तान निराली झूम रही सब वन की डारी
बहुत रही बाबुल घर दुल्हन चल तेरे पी ने बुलाईबहुत खेल खेली सखियन सो अंत करी लरिकाई
बहुत कठिन है डगर पनघट कीकैसे मैं भर लाऊँ मधवा से मटकी
घर नारी गँवारी चाहे जो कहेमैं निजाम से नैनाँ लगा आई रे
परदेसी बालम धन अकेली मेरा बिदेसी घर आव नाबेर का दुख बहुत कठिन है प्रीतम अब आ जाव ना
Devoted to the preservation & promotion of Urdu
Urdu poetry, urdu shayari, shayari in urdu, poetry in urdu
A Trilingual Treasure of Urdu Words
World of Hindi language and literature
The best way to learn Urdu online
Best of Urdu & Hindi Books