आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "mahram e raaz e niyaaz seen sheen alam ebooks"
Kalaam के संबंधित परिणाम "mahram e raaz e niyaaz seen sheen alam ebooks"
कलाम
अपना महरम जो बनाया तुझे मैं जानता हूँमुझ से मुँह फिर क्यूँ छुपाया तुझे मैं जानता हूँ
शाह ख़ामोश साबरी
कलाम
ऐ राज़ हक़ीक़त तो ये है वो पर्दा-दरी कब चाहते हैंजिस 'राज़' को मैं कह बैठा था वो राज़ ज़माना भूल गया
शाह तक़ी राज़ बरेलवी
कलाम
ख़ाम की जाणन सार फ़क़र दी महरम नहीं दिल दे हूआब मिट्टी थीं पैदा होए खामी भांडे गिल्ल दे हू
सुल्तान बाहू
कलाम
शाह तक़ी राज़ बरेलवी
कलाम
मैं जितना भी बयाँ करता हूँ अपना राज़-ए-ग़म ऐ ‘राज़’ये मेरा राज़-ए-ग़म इतना ही पिन्हाँ होता जाता है
शाह तक़ी राज़ बरेलवी
कलाम
पर्दा-ए-शौक़ है यही सूरत-ए-राज़ है यहीतुम हो नज़र के सामने मेरी नमाज़ है यही
शाह तक़ी राज़ बरेलवी
कलाम
ऐ दिल-ए-पुर-सुरूर-ए-मन नाज़ न बन नियाज़ बनसाक़ी-ए-मस्त-ए-नाज़ की आँखों में सरफ़राज़ बन
शाह मोहसिन दानापुरी
कलाम
'राज़' उस राज़ को क्या समझेंगे दुनिया वालेमेरी शाही है यही हाल-ए-फ़क़ीराना मिरा
शाह तक़ी राज़ बरेलवी
कलाम
किया है 'राज़' से वा'दा तो उस ने ख़ल्वत मेंवो बे-नियाज़ है दामन दिया दिया न दिया
शाह तक़ी राज़ बरेलवी
कलाम
ये 'राज़'-गर की करामत नहीं तो क्या है राज़ग़ुलाम-ए-सिलसिला-ए-नाम-ए-बू-तुराब किया
शाह तक़ी राज़ बरेलवी
कलाम
अभी तक राज़ गर तुम को समझते हैं जहाँ वालेकहीं तुम ये न कह देना कि राज़-ए-दो-जहाँ मैं हौं