आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "takht"
Kalaam के संबंधित परिणाम "takht"
कलाम
न सवाल है तख़्त-ओ-ताज का न क़सम से ज़र का ख़याल हैमिरे चारा-गर मिरे मेहरबाँ तिरे एक का सवाल है
फ़राज़ वारसी
कलाम
रातीं जागें करें इबादत निन्दिया करें पराई हूकूड़ा तख़्त दुनिया दा 'बाहू' फ़क़र सच्ची पातशाही हू
सुल्तान बाहू
कलाम
'नियाज़' आख़िर तिरा दिल तख़्त-ए-रब्बुल-'आलमीं होताख़स-ओ-ख़ाशाक ग़फ़लत से अगर ये ख़ूब सा झड़ता
शाह नियाज़ अहमद बरेलवी
कलाम
क्यूँ न कहते शाह पत्ते ताज हैं शाख़ें हैं तख़्तहै नगीं लाला तो ना-फ़रमाँ है फ़रमान-ए-बहार
अमीर मीनाई
कलाम
किसी की याद में बैठे जो सब से बे-ग़रज़ हो करतो अपना बोरिया भी फिर हमें तख़्त-ए-सुलैमाँ था
ख़्वाजा अज़ीज़ुल हसन मज्ज़ूब
कलाम
शेर-ए-ख़ुदा का हूँ गदा काफ़ी है मुझ को बस यही'काविश' मैं ताज-ओ-तख़्त को माल-ओ-गुहर को क्या करूँ