आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "the four darwesh mir amman ebooks"
Kalaam के संबंधित परिणाम "the four darwesh mir amman ebooks"
कलाम
ताबिश कानपुरी
कलाम
जीवंदयाँ मर रहणा होवे ताँ देस फ़कीराँ बहिये हूजे कोई सुट्टे गुद्दड़ कूड़ा वांग अरूड़ी रहिए हू
सुल्तान बाहू
कलाम
ठान ली मैं ने भी साक़ी यहीं मर जाने कीकितनी दिलकश हैं फ़ज़ाएँ तेरे मय-ख़ाने की
पीर नसीरुद्दीन नसीर
कलाम
ज़मीं से नूरयान-ए-आसमाँ-परवाज़ कहते थेये ख़ाकी ज़िंदा-तर पाएँदा-तर ताबिंदा-तर निकले
अल्लामा इक़बाल
कलाम
क़त्ताल-ए-जहाँ मा'शूक़ जो थे सूने पड़े हैं मरक़द उन केजहाँ मरने वाले लाखों थे अब रोने वाला कोई नहीं
आरज़ू लखनवी
कलाम
वो भी क्या दिन थे कि जब हुस्न था उन का मा'सूमवो भी क्या दिन थे कि जब 'इश्क़ को कुछ होश न था
दिलगीर अकबराबादी
कलाम
हुआ ऐ 'फ़ैज़' मा'लूम एक मुद्दत में हमीं थे वोजपा करते थे जिस के नाम की दिन-रात सुमिरन हम