अर्जी पोंचावे हुज़ूर नामदेव लाया नज़र
अर्जी पोंचावे हुज़ूर नामदेव लाया नज़र
इसके बावे क्या मजकूर करो अर्जी अर्ज बेगो
बादशहा कहे जलदी जाव गाई कसाई कू बुलाव
नामदेव कूँ बिठलाव नियत पोंचावे गॉव कू
उसके आगे काटी गाय बम्मन करे हाय हाय
नामा कहे प्रभुराय! ये बुलाय, तुम सुनो
बादशाह कहे लो जान नहीं तो करूँ मुसलमान
झुठा करता है तुफान फिर फकीर कहलावते
किदर रह्या पंढरपुर मेरा वसीला है दूर
कौन कहेगा हुजूर ये जरूर हकीकत
ये तो पापी चंडाल इन्नें बुरा किया हाल
मेरे अब्रू का काल गोपाललाल जल्दी आव
नामा रोवे झुरझुर बहे अश्रून का पूर
बिठू पसीने में चूर बिठू पंढरपुर में हुवे हैं
रूक्मिणी चुरती पद्मपाव घबर गये बिठूराव
रूक्मिणी कहे प्रभूराव क्या बलाय मुजे कहो
देव करे .............. करे घबरे घबरे बात
नामदेव की कहत हकीकत बुरी है
रूक्मिणी कहे जल्दी जाव नामदेव कू मनाव
उस पापी कू जलाव जाव जाव सितावी
नामा लड़का अजान बहुत हुआ हयरान
अबी छोडेगा जान मुसलमान बेकदर
अकस्मात हुई बात उठ कर बैठे दीनानाथ
चल दीया उसी वक्त मैं दीनानाथ आया हूँ
बिठू कहे नामदेव उस गाय कू हात लगाव
जान उसकी खुजाव जल्दी जाव गाय उठेगी
उठ कर खडी रहे गाय हर हर बोले बम्मन राय
नामदेव कू लगाय बिठूराय गले से
नामा रोवे आलफ उसे समजावे मा बाप
उसके हवेली में साप हाका हाका पडी है
हत्ती घोडे कू काट लिया आदमी की पीठ
जिधर उधर न हाट नाट खट ऊपर काठा रे
बेदरशहा हुआ दंग कासी पंडत करे जंग
अब कैसा हुआ रंग बुरे ढंग क्या हुए
बादशहा कहे जल्दी आव कासी पंडत कू बुलाव
मेरे जान कू बचाव सच्चा देव उनो का
कासी पंडत प्यारेलाल मेरे जान कूँ सँबाल
पीर फकीर हक्लाल बालोबाल गुन्हेगार हूँ
कासी पंडत धरो पाव बहोत तर्हे से मनाव
नामदेव भगतराव ये बला दूर करा
पडत तुम बड़ा सुजान तुम जानो उसका ज्ञान
हमने किया है तुफान अब जान बचाव
कासी पंडत बहुत भला कदम कदम जा मिला
नामदेव आ मिला लगाया गले सो
बादशहाके आडे जिदर ऊदर खडे
उने हात पाव जोडे पकडे पाँव तुमारे
मानो बिनंती महाराज चलो पतीतन के काज
नामा कहे पंडतराज मत बाजो इस बात सो
नामदेव बडे दयाल हासो किया जवाब सवाल
पंडत जा रहो खुशाल फिर व्हॉ सो चल दिया
मेहेरबान नामदेव बिठूराय जान देव
उसका राज उसकू देव बुला लेव साप कू
इतनी बात बोल कर चला उनका लश्कर
पंडत आये फिर कर साप नजर न आवे
उसकू कर कर सनाथ नामदेव दीनानाथ
ओ गाई लिया सात उस वक्त चल दिये
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