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Sufinama

मसनवी वशारतुल अनवर

सय्यद मीराँ हुसैनी

मसनवी वशारतुल अनवर

सय्यद मीराँ हुसैनी

जिव का बी जिवाला रूपों में रूप आला

सब के ऊपर है बाला नित हसत रह तू मीराँ

अकुलाय रूप सब सूँ रूप देक जब तू

बेरूप के तूँ तब सूँ नित हसत रह तू मीराँ

बच्चा बगल में हो कर ढुँढते नगर में रो कर

सारी उमर यों खो कर नित हसत रह तू मीराँ

कोई नाक के ऊपर, ज्यों नित बाँदते नज़र क्यो

दिसते ही जोत कर यो नित हँसत रह तूँ मीराँ

सो नूर आवे जावे एक सात फिर पावे

कै रूप उत दिखावे नित हसत रह तू मीराँ

उस नूर कूँ फ़ना है सूरत जिसम बना है

नूर ऐन कूँ मना है नित हसत रह तूँ मीराँ

सो नूर ख़ास होर रंग रूप कुछ होवे

कर साफ़ दिल कूँ धोवे नित हसत रह तू मीराँ

जो कोइ वो नूर पाया फिर बोलने आया

सूरत-शकल माया नित हसत रह तूँ मीरा

नूर ख़ास आला सब सूँ ऊपर है बाला

काला लाल-पीला नित हसत रह तूँ मीराँ

जिसमें नूराँ यो सारे जैसे है चाद-तारे

कुन्दन सूँ ज्यों चितारे (?) नित हसत रह तू मीरॉ

सब गंज का धनी है धरता वो सब धनी है

क़ादर उसे मने है नित हसत रह तू मीरॉ

नूर खास तू हैं दिसने में आवे सो है

पैदा हुआ सो वो है नित हसत रह तूँ मीराँ

पैदा वो नूर नर्ई है सब नूर उसके तई है

कीं ठाँव नाँव नर्ई है नित हसत रह तू मीरॉ

कोई देखते हवा में दिखते ज़र्रा सफ़ा में

कहते है ज़ात उसमें नित हसत रह तू मीरॉ

सूरत दिसते हवा में साया किते खुदा में

फिर ग़ैब हुए सफ़ा में नित हसत रह तूँ मीरा

दिसते कूँ क्या तूँ देखे दिसते कूँ देख देखे

फिर देक अपकूँ लेखे नित हसत रह तूँ मीराँ

पैदा को हुआ है वो सब उनों किया है

ना के अपै हुआ है नित हसत रह तूँ मीरॉ

कोई जोत देक सारे उस देक अपको हारे

रह-रास्त फिर नहारै नित हसत रह तू मीराँ

वो जोत जीव कहते उस देक अमन सूँ रहते

कई लोग यों बैठे नित हसत रह तूँ मीराँ

मुर्शद बग़ैर कामिल कर खूब रह सूँ शामिल

तब होएगा तूँ आमिल नित हसत रह तूँ मीरा

जब रूह को तूँ पाया है नूर का वो माया

वो नूर ज़ात पाया नित हसत रह तूँ मीरॉ

नंई उसको आना जाना अला कमाकान

उस नूर का निशाना नित हसत रह तूँ मीराँ

है ज़ात वो इलाही उसकूँ है बादशाही

सब चीज़ पर गवाही नित हसत रह तूँ मीरां

तुज ........... देक देखे दिसता सो तूँ लेखे

बेजान हो तूँ देखे नित हसत रह तूँ मीराँ

जैसे दरिया मौजाँ झलते है लाख तूफाँ

वो ही समन्द के सूराँ नित हसत रह तूँ मीराँ

मौजाँ कूँ अन्त नंई है रहने के तन्त नंई है

दिसने कूँ कन्त नर् है नित हसत रह तूँ मीराँ

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