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संपादक : नारायण सिंह भाटी

प्रकाशक : राजस्थानी शोध संस्थान, जोधपुर

प्रकाशन वर्ष : 1948

भाषा : हिंदी

पृष्ठ : 130

सहयोगी : सुमन मिश्र

जेठवे रा सोरठा

पुस्तक: परिचय

जेठवा अर उजळी लोक रौ ख्यात प्रेमाख्यान है। इणरी कथा यूं है के जेठवो राजकुमार है अर वा सिकार सारू नीसरै। वन मैं वौ आपरै साथीड़ां स्यूं भटक जावै अर मौसम री मार स्यूं बेहोस हुय जावै। जेठवै री घोड़ी उजळी रै घर आगै जा'र ऊभी रह जावै। उजळी अर वांरौ बाप जेठवै नैं ठीक करै। जेठवो उजळी स्यूं ब्याव कर ले जावण रो कौल करै पण वौ पाछौ नीं आवै। तापछै उजळी जेठवै रै महल पूग जावै अर उणनै अगन-सराप दे देवै। इण पोथी रौ संपादन नारायण सिंह जी भाटी करयौ है।

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