Font by Mehr Nastaliq Web

संस्करण संख्या : 001

प्रकाशन वर्ष : 1991

भाषा : हिंदी

पृष्ठ : 78

सहयोगी : सुमन मिश्रा

लहरी दशकम

पुस्तक: परिचय

आधुनिक संस्कृत साहित्य के रमणीय काव्यकला के प्रवर्तक गुरू राधावल्लभ त्रिपाठी जी जिनका काव्य लहरीदशकम्, वसंतलहरी आदि है जो काव्य के सभी गुणों से युक्त है और काव्य वर्तमान संदर्भ से युक्त है। प्रकृति वर्णन नवीन दृष्टि से युक्त है।

.....और पढ़िए
बोलिए