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Sufinama

Edition Number : 001

Year of Publication : 1955

Language : Hindi

Pages : 95

Contributor : Suman Mishra

madhaw wilas

About The Book

माधोविलास नामक ग्रन्थ के रचनाकार लल्लू लाल थे। रघुराम नामक एक गुजराती कवि के 'सभासार' और कृपाराम कवि द्वारा 'पद्मपुराण' में संग्रहीत 'योगसार' नामक ग्रंथों का सार लेकर लल्लू लाल जी ने 'माधव विलास' ('माधो विलास') नाम से इस ग्रंथ को 1817 ई. में प्रकाशित किया था। इस ग्रंथ की भाषा ब्रजभाषा है, जिसमें गद्य और पद्य दोनों का समावेश है। इसका कथा-प्रसंग इस प्रकार है इस ग्रंथ में तत्कालीन सामाजिक स्थिति का अच्छा वर्णन है। इसमें शास्त्र-सम्मत मर्यादाओं का उल्लेख करके सामाजिक गुण-दोषों को स्पष्ट किया गया है। इसमें रघुराम के 'सभासर' के कुछ पद्य ज्यों के त्यों, केवल क्रम में किंचित हेर-फेर के साथ मिलते हैं। 'सभासार' के तद्भव शब्दों का इसमें तत्सम रूप देने की पद्धति दिखाई पड़ती है, जैसे- 'निराधार' के लिए 'निर्धार', 'पच्छी' के लिए 'पक्षी'।

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