मध्यकालीन हिंदी काव्य का सामान्य परिचय के अंतर्गत निर्गुण और सगुण भक्ति तथा रीतिबद्ध, रीतिसिद्ध और रीतिमुक्त काव्य धरा पर चर्चा की गई हैं। निर्गुण भक्ति काव्य का विस्तार से व्याख्या की गई है। सगुण भक्ति और रीतिकाव्य का अध्ययन और विवेचन किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक में काव्य का स्वरूप और परंपरा , सिद्धांत और कवियों के विचारों का प्रसंग उदधृत है।