समकालीन जनवादी हिन्दी कविता में कवियों ने आम जन के प्रति शोषण, अन्याय एवं सामाजिक विषमताओं और विसंगतियों का खुलकर चित्रण किया है। जनवादी साहित्य शोषण और सत्ता के अहंकार का विनाश करने वाला, स्वतन्त्रता और मुक्ति के गीतों को अभिव्यक्त करने वाला है।
Jashn-e-Rekhta | 13-14-15 December 2024 - Jawaharlal Nehru Stadium , Gate No. 1, New Delhi
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