Font by Mehr Nastaliq Web

गह ले बहियाँ मोर अशरफ़ पिया

अली हुसैन अशरफ़ी

गह ले बहियाँ मोर अशरफ़ पिया

अली हुसैन अशरफ़ी

MORE BYअली हुसैन अशरफ़ी

    रोचक तथ्य

    یہ ادھا مقدمہ سجادہ نشینی میں رجوع بجناب حضرت مخدوم اشرف جہاں گیر قدس سرہٗ ہو کر عرض کیا تھا۔

    गह ले बहियाँ मोर अशरफ़ पिया

    आस लगाए खड़ी मन मारे

    चितवत हूँ तोरे ओर अशरफ़ पिया

    गह ले बहियाँ मोर

    आन पड़ी हूँ तुमरे चरण तर

    सूझत और ठौर अशरफ़ पिया

    गह ले बहियाँ मोर

    जग मां तुम-सा मीत पावा

    खोज फिरी चहूँ ओर अशरफ़ पिया

    गह ले बहियाँ मोर

    बेग आए मोरी लियो खबरिया

    पुरऊ आसा मोर अशरफ़ पिया

    गह ले बहियाँ मोर

    मिन्ती करत है ठाढ़ 'अशरफ़ी'

    रोए-रोए कर जोर अशरफ़ पिया

    गह ले बहियाँ मोर

    स्रोत :
    • पुस्तक : तहाइफ़-ए-अशरफ़ी (पृष्ठ 111)

    Additional information available

    Click on the INTERESTING button to view additional information associated with this sher.

    OKAY

    About this sher

    Close

    rare Unpublished content

    This ghazal contains ashaar not published in the public domain. These are marked by a red line on the left.

    OKAY
    बोलिए