गह ले बहियाँ मोर अशरफ़ पिया
रोचक तथ्य
یہ ادھا مقدمہ سجادہ نشینی میں رجوع بجناب حضرت مخدوم اشرف جہاں گیر قدس سرہٗ ہو کر عرض کیا تھا۔
गह ले बहियाँ मोर अशरफ़ पिया
आस लगाए खड़ी मन मारे
चितवत हूँ तोरे ओर अशरफ़ पिया
गह ले बहियाँ मोर
आन पड़ी हूँ तुमरे चरण तर
सूझत और न ठौर अशरफ़ पिया
गह ले बहियाँ मोर
जग मां तुम-सा मीत न पावा
खोज फिरी चहूँ ओर अशरफ़ पिया
गह ले बहियाँ मोर
बेग आए मोरी लियो खबरिया
पुरऊ आसा मोर अशरफ़ पिया
गह ले बहियाँ मोर
मिन्ती करत है ठाढ़ 'अशरफ़ी'
रोए-रोए कर जोर अशरफ़ पिया
गह ले बहियाँ मोर
- पुस्तक : तहाइफ़-ए-अशरफ़ी (पृष्ठ 111)
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