तिल्लाना होली- मौला मंजिल की फजल अली रे इल्ल्ला ।
तिल्लाना होली- मौला मंजिल की फजल अली रे इल्ल्ला ।
तुलसी साहिब हाथरस वाले
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मौला मंजिल की फजल अली रे इल्ल्ला ।
ब बर घर पिर सबर कर, फहम फरक नबी अल्ला ।
अलफ साईं गजब गली रे ।
अलफ साईं गजब गली रे ।।
बन मुरीद दिल डगर चले, मुरसिद से जब राह मिले ।
खुद खुदा कर खोज मुदामज, रूह रमज हू हक्क जनाई ।।
आई अबर पर भिस्त कत पाई, गई मुकर चढ़ि अमर थिरताई ।
ला पै रब जब जमक घस कोई, लखत वली रे ।।
चौदा तबक चक चसम भये, सुरमा अंजन दीद दये ।
अदीद आदम दम दरस माहीं, चून बेचून बेनमून दिखलाई ।।
खुद बदन बिच हद हरख जाई, पट अबर आफताब अधर माहीं ।
नूर जहूर तुलसी तै तरक, अरवाह चली रे ।।
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