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Sufinama

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

कब ठहरेगा दर्द ऐ दिल कब रात बसर होगी

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

MORE BYफ़ैज़ अहमद फ़ैज़

    कब ठहरेगा दर्द दिल कब रात बसर होगी

    सुनते थे वो आएँगे सुनते थे सहर होगी

    कब जान लहू होगी कब अश्क गुहर होगा

    किस दिन तिरी शुनवाई दीदा-ए-तर होगी

    कब महकेगी फ़स्ल-ए-गुल कब बहकेगा मय-ख़ाना

    कब सुब्ह-ए-सुख़न होगी कब शाम-ए-नज़र होगी

    वाइ'ज़ है ज़ाहिद है नासेह है क़ातिल है

    अब शहर में यारों की किस तरह बसर होगी

    कब तक अभी रह देखें क़ामत-ए-जानाना

    कब हश्र मुअ'य्यन है तुझ को तो ख़बर होगी

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    आबिदा परवीन

    आबिदा परवीन

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