मर्हबा नूर-ए-ख़ुदा ज़ात-ए-मुतह्हर मर्हबा
मर्हबा नूर-ए-ख़ुदा ज़ात-ए-मुतह्हर मर्हबा
मर्हबा शाह-ए-शहाँ साक़ी-ए-कौसर मर्हबा
आफ़रीं ऐ तकिया-गाह-ए-'अर्श-ए-आ'ला आफ़रीं
मर्हबा ज़ात-ए-तु बरतर हर पयम्बर मर्हबा
मर्हबा कान-ए-नुबुव्वत बहर-ए-रहमत आफ़रीं
मर्हबा नूर-ए-ख़ुदा ख़िल्क़त के रहबर मर्हबा
हब्बज़ा मोहर-ए-नबुव्वत शान-ए-आ'ला हब्बज़ा
मर्हबा ख़ैर-उल-वरा नूर-ए-सरासर मर्हबा
आफ़रीं दरिया-ए-बख़्शिश नूर-ए-ख़ालिक़ आफ़रीं
मर्हबा ऐ मुस्तफ़ा बरतर पयम्बर मर्हबा
हब्बज़ा ऐ ज़ेब-ए-बख़्श 'अर्श-ए-आ'ज़म हब्बज़ा
मर्हबा माह-ए-शराफ़त जिस्म-ए-अतहर मर्हबा
बाइ'स-ए-ईजाद-ए-'आलम ज़ात-ए-अक़्दस है तेरी
मर्हबा महबूब-ए-यकता हक़ के दिलबर मर्हबा
आफ़रीं कान-ए-शराफ़त बहर-ए-रहमत आफ़रीं
मर्हबा महबूब-ए-हक़ नबियों के सरवर मर्हबा
हब्बज़ा ऐ दुर्रतुत्ताज-ए-रसूलाँ हब्बज़ा
मर्हबा ऐ रहनमाए हर पयम्बर मर्हबा
आफ़रीं ऐ नूर-ए-चश्म-ए-जुमला-मुर्सल आफ़रीं
मर्हबा हूर-ओ-मलक ग़िल्माँ के अफ़सर मर्हबा
हब्बज़ा पुश्त-ओ-पनाह-ए-ख़ल्क़-ए-बे-कस हब्बज़ा
मर्हबा ग़म-ख़्वार-ए-उम्मत रोज़-ए-महशर मर्हबा
जिस ने देखी ये ग़ज़ल 'मुख़्लिस' की ख़ुश हो कर कहा
मर्हबा ऐ ना'त-गो यक्ता सुख़नवर मर्हबा
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