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Sufinama

शाह-ए-हसन सरताज तू ख़्वाजा हसन सुल्तान तू

अब्दुल्लाह अली ग़फ़्फ़ारी

शाह-ए-हसन सरताज तू ख़्वाजा हसन सुल्तान तू

अब्दुल्लाह अली ग़फ़्फ़ारी

MORE BYअब्दुल्लाह अली ग़फ़्फ़ारी

    रोचक तथ्य

    منقبت درشان سلطان الاؤلیا خواجہ محمد حسن جہاں گیر (بھینسوڑی، ملک، رام پور)

    शाह-ए-हसन सरताज तू ख़्वाजा हसन सुल्तान तू

    साहिब-ए-’इल्म-ओ-बसीरत बंदा-ए-रहमान तू

    'इरफ़ान-ए-हक़ तेरी फ़ना हुब्ब-ए-नबी तेरी ज़िया

    किरदार तेरा ख़ूब-तर है मज़हर-ए-क़ुरआन तू

    ज़ात तेरी मंबा-ए-जूद-ओ-सख़ा सब के लिए

    'आशिक़ों की तस्कीन तू 'आरिफ़ों का अरमान तू

    सय्यद-ए-हज़रत अमीर अबुल-उ'ला जहाँगीर शाह

    शैख़-ए-नबी रज़ा तेरे और 'इनायत की जान तू

    दरबार पर बरसे तेरे अनवार-ए-रब सह्र-ओ-शब

    फ़ैज़ बटता है यहाँ मैं दाता सख़ी दीवान तू

    शाह-ए-शुजाअ' शाह-ए-या'क़ूब शाह-ए-कुंदन शाह-ए-नक़ीब

    लाखों तेरे दर के ग़ुलाम उन से जारी फ़ैज़ान तू

    हो करम की इक नज़र बंदा-ए-ग़फ़्फ़ार पर

    बात ‘गफ़्फ़ारी’ है यही अपनी तो पहचान तू

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