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मुबारक हो शह-ए-जीलाँ के आने की ख़बर आई

अनवर फ़र्रूख़ाबादी

मुबारक हो शह-ए-जीलाँ के आने की ख़बर आई

अनवर फ़र्रूख़ाबादी

MORE BYअनवर फ़र्रूख़ाबादी

    रोचक तथ्य

    منقبت درشان غوثِ پاک شیخ عبدالقادر جیلانی (بغداد-عراق)

    मुबारक हो शह-ए-जीलाँ के आने की ख़बर आई

    ख़बर के साथ ही मौज-ए-करम भी जोश पर आई

    अभी रस्ते में थे आक़ा कि रहमत की सहर आई

    सलामी के लिए सारी ख़ुदाई झूम कर आई

    जो आए ग़ौस तो बग़दाद में जन्नत उतर आई

    तरस खा कर ज़’ईफ़ा पर जनाब-ए-ग़ौस-ए-आ’ज़म ने

    किया एहसाँ ये बुढ़िया पर जनाब-ए-ग़ौस-ए-आ’ज़म ने

    भरोसा कर के मौला पर जनाब-ए-ग़ौस-ए-आ’ज़म ने

    नज़र डाली जो दरिया पर जनाब-ए-ग़ौस-ए-आ’ज़म ने

    तो बारह साल की डूबी हुई कश्ती उभर आई

    उठे आक़ा तो आया ज़लज़ला दुनिया-ए-बातिल में

    बहुत ऊँचा है उन का मर्तबा अर्बाब-ए-कामिल में

    बसा ले तू भी उन की याद वाइ'ज़ ख़ाना-ए-दिल में

    पुकारा मैं ने जब महबूब-ए-सुबहानी को मुश्किल में

    तो रहमत हर तरफ़ अंगड़ाइयाँ लेती नज़र आई

    स्रोत :
    • पुस्तक : Zahid Nazan Qawwal, Part 1 (पृष्ठ 5)

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