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हरीम-ए-हुस्न-ए-हक़ दरबार-ए-महबूब-ए-इलाही है

ज़हीन शाह ताजी

हरीम-ए-हुस्न-ए-हक़ दरबार-ए-महबूब-ए-इलाही है

ज़हीन शाह ताजी

MORE BYज़हीन शाह ताजी

    रोचक तथ्य

    منقبت در شان محبوبِ الٰہی خواجہ نظام الدین اؤلیا (دہلی-بھارت)

    हरीम-ए-हुस्न-ए-हक़ दरबार-ए-महबूब-ए-इलाही है

    कि दीदार-ए-ख़ुदा दीदार-ए-महबूब-ए-इलाही है

    मोहब्बत तुर्रा-ए-दस्तार-ए-महबूब-ए-इलाही है

    मोहब्बत ग़ाज़ा-ए-रुख़सार-ए-महबूब-ए-इलाही है

    मोहब्बत करने वाला आप ही महबूब होजाए

    मुहिब्बी आईना-ए-बरदार-ए-महबूब-ए-इलाही है

    दिल-ए-मुर्दा यहाँ होता है ज़िंदा रूह-ए-इरफ़ाँ से

    वही अच्छा है जो बीमार-ए-महबूब-ए-इलाही है

    ग़ुरूर-ए-बादशाही सर-निगूँ है उन के क़दमों में

    कि सुल्तानी-ए-आ'लम-कार-ए-महबूब-ए-इलाही है

    यहाँ अल-फ़क़्रो-फ़ख़्री की हक़ीक़त कार-फ़रमा है

    अमीरी ग़ाशिया-बरदार-ए-महबूब-ए-इलाही है

    हक़ीक़त में मय-ए-हुब्ब-ए-इलाही के वो साक़ी हैं

    हर इक मस्त-ए-ख़ुदा मय-ख़्वार-ए-महबूब-ए-इलाही है

    'ज़हीन' अल्हम्दुलिल्लाह ख़ल्वत-ए-दिल जल्वत-ए-दिल में

    हमेशा गर्मी-ए-बाज़ार-ए-महबूब-ए-इलाही है

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