क़ुतुब-ए-कौनैन शह-ए-ख़ित्ता-ए-’इरफ़ान मददे
रोचक तथ्य
مسدس در شان غوث پاک شیخ عبدالقادر جیلانی (بغداد-عراق) نوٹ : درمیان کے کچھ اشعار صاف پڑھے نہیں جا رہے ہیں جس کی وجہ سے یہ کلام ادھورا ہے۔
क़ुतुब-ए-कौनैन शह-ए-ख़ित्ता-ए-’इरफ़ान मददे
ज़ीनत-ए-मस्जिद-ए-औरंग दिल-ओ-जान मददे
ग़ौस-ए-आ'ज़म ब-मन-ए-बे-सर-ओ-सामान मददे
क़िब्ला-ए-दीं मददे का'बा-ए-ईमाँ मददे
दिल में अब ख़ून तमन्ना का हुआ जाता है
जी की जी ही में कुछ अरमान रहा जाता है
नाम उम्मीद का अफ़्सोस मिटा जाता है
दिल से लब तक यही हसरत में अब आ जाता है
ग़ौस-ए-आ'ज़म ब-मन-ए-बे-सर-ओ-सामान मददे
क़िब्ला-ए-दीं मददे का’बा-ईमान मददे
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